डॉक्टरों पर हमले के मामले में सरकार ने बनाई समिति
सेहतराग टीम
सरकार ने चिकित्सकीय संस्थानों और सेवारत चिकित्सकों पर हमले की घटनाएं रोकने के उद्देश्य से विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए एक समान कानूनी कार्य ढांचे वाली समिति गठित की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा को मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया ‘सरकार को देश के विभिन्न भागों में कार्यरत चिकित्सकों पर कथित हमले के कारण चिकित्सकों की हड़ताल संबंधी सूचना मिली है।’ एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय संस्थानों और सेवारत चिकित्सकों पर हमले की घटनाएं रोकने के उद्देश्य से विभिन्न पहलुओं की जांच के लिए एक समान कानूनी कार्य ढांचे वाली एक समिति गठित की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना, सुरक्षा गार्ड की संख्या बढ़ाना और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) की तैनाती जैसे उपाय किए गए हैं।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल में चार बार हड़ताल हुई। इस अस्पताल में 2016 और 2017 में एक-एक बार और 2018 में दो बार हड़ताल हुई।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में केंद्र सरकार के डॉक्टर राममनोहर लोहिया अस्पताल में बीते तीन साल में दो बार हड़ताल हुई। यह हड़ताल 2016 में हुई थी। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में पिछले तीन साल के दौरान 2016 में एक बार हड़ताल हुई थी।
चौबे ने बताया ‘इन हड़तालों के कारण डॉक्टरों से मारपीट, सुरक्षा गार्डों की तैनाती, पीजी छात्रों की छुट्टी नगदीकरण (लीव इनकैशमेंट) और कार्य संबंधी स्थितियों का अनुकूल न होना आदि थे।’ उन्होंने बताया कि मरीज के परिजन और डॉक्टर के बीच विवाद के कारण सफदरजंग अस्पताल में बीते तीन साल में कोई हड़ताल नहीं हुई। लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में इस वजह से एक बार और डॉक्टर राममनोहर लोहिया अस्पताल में दो बार हड़ताल हुई।
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